Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
बृहस्पतिदेव की कथा
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
Glory to Girija’s consort Shiva, who is compassionate towards the destitute, who always shields the saintly, the moon on whose forehead sheds its stunning lustre, As well as in whose ears tend to be the pendants in the cobra hood.
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
जय जय जय Shiv chaisa अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥